
दोनों पाकिस्तानी जासूसों ने रेलवे कर्मचारियों को अपने जाल में फंसाने की भरपूर कोशिश की. रेलवे में सरकारी नौकरी कैसे मिलेगी इसकी भी जानकारी लेने की कोशिश की. पाकिस्तानी एजेंट अपने मिशन में कामयाब भी हो जाते, लेकिन उनके कुछ सवालों से रेलवे कर्मचारियों को उन पर शक हो गया.
पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के जासूसों के संपर्क में आने वाले रेलवे के दो कर्मचारियों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करने वाले दोनों जासूसों ने सेना के मूवमेंट से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए रेल भवन में जाल बिछाया था, फिलहाल दोनों रेल कर्मचारियों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है.
पाकिस्तानी जासूसों से कनेक्शन के मामले में रेलवे के 2 कर्मचारियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पूछताछ की है. पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया गया. पूछताछ में रेलवे के दोनों कर्मचारियों ने बताया कि पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करने वाले आईएसआई एजेंट आबिद और ताहिर उन्हें बड़ौदा हाउस के बाहर मिले थे.
दोनों ने रेलवे कर्मचारियों को अपने जाल में फंसाने की भरपूर कोशिश की. रेलवे में सरकारी नौकरी कैसे मिलेगी इसकी भी जानकारी लेने की कोशिश की. पाकिस्तानी एजेंट अपने मिशन में कामयाब भी हो जाते, लेकिन उनके कुछ सवालों से रेलवे कर्मचारियों को उन पर शक हो गया. आखिर वो सवाल क्या थे-
1. रेलवे में आर्मी के लोग कौन सी बोगी में जाते हैं?
2. आर्मी के लोग रेल में कैसे जाते हैं?
3. आर्मी पर्सनल ट्रेन की मूवमेंट कब और कैसे होती है?
इन्हीं सवालों के रेलवे के कर्मचारियों को आबिद और ताहिर पर शक हुआ, लेकिन इन शातिर जासूसों ने ये कहकर रेलवे कर्मचारियों को बरगलाने की कोशिश की कि उनका भाई किताब लिख रहा है, इसके लिए वो जानकारी जमा कर रहे हैं.
जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी एंबेसी में तैनात इन एजेंटों ने सेना के एक हवलदार को अपने जाल में फंसा लिया था ,जो ट्रांसपोर्ट सेक्शन में डाक ड्यूटी करता था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हवलदार से पूछताछ की परमिशन मांगी तब सेना की तरफ से बताया गया कि हवलदार का कोर्ट मार्शल कर दिया गया है.
पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले जासूस आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर खान को दिल्ली के करोलबाग के एक रेस्टोरेंट में मिलिट्री इंटेलीजेंस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पकड़ा था. आबिद और ताहिर के साथ उनका ड्राइवर जावेद भी पकड़ा गया है, जो उनके इस जासूसी रैकेट में शामिल था.