राज्यसभा चुनाव: गुजरात का हिसाब कांग्रेस क्या कर्नाटक में बीजेपी से कर पाएगी?

गुजरात में कांग्रेस के 2 विधायकों के इस्तीफे के बाद पार्टी के 2 राज्यसभा सीटें जीतने का समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है. वहीं, कर्नाटक में बीजेपी के लिए 3 सीटें जीतने के अरमानों पर पानी फेरने के लिए कांग्रेस और जेडीएस गणित बैठाने में जुटे हैं. इस तरह से राज्यसभा का चुनाव काफी दिलचस्प होता नजर आ रहा है.
राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है. गुजरात में कांग्रेस के 2 विधायकों के इस्तीफे के बाद पार्टी के 2 राज्यसभा सीटें जीतने का समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है. वहीं, कर्नाटक में बीजेपी के लिए 3 सीटें जीतने के अरमानों पर पानी फेरने के लिए कांग्रेस और जेडीएस गणित बैठाने में जुटे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस क्या गुजरात का हिसाब बीजेपी से कर्नाटक में कर पाएगी?
गुजरात की चार राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी ने रमीला बारा, अभय भारद्वाज और नरहरी अमीन को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने अमीन को अपना तीसरा उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन कांग्रेस विधायकों के लगातार इस्तीफे से पार्टी का समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ा गया है.
गुजरात में गुरुवार को दो कांग्रेस विधायक अक्षय पटेल और जीतू भाई चौधरी ने अपनी विधानसभा सदस्यता से पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे स्पीकर ने बकायदा स्वीकार भी कर लिया है. इससे पहले भी कांग्रेस के पांच विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. इस तरह से कांग्रेस के लिए अब दूसरी राज्यसभा सीट फंस गई है, क्योंकि राज्यसभा की एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए 35 वोट की आवश्यकता है जबकि कांग्रेस के पास 66 विधायक बचे हैं. वहीं, बीजेपी के पास कुल 103 विधायक हैं और ऐसे में तीसरी सीट के लिए उसकी राह आसान बनती दिख रही है.
गुजरात का राजनीतिक हिसाब कांग्रेस अब कर्नाटक से करने की कवायद में है. राज्य में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होने हैं. चार राज्यसभा सीटों में से दो पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस की जीत पक्की है. जेडीएस के पास केवल 34 विधायक हैं, ऐसे में वह अपने दम पर एक सीट को नहीं जीत सकती. ऐसे में चौथी सीट को कांग्रेस और जेडीएस मिलकर अपने नाम करना चाहती हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस की नजर बीजेपी के उन विधायकों पर है, जो मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने के चलते नाखुश हैं. कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने अपने एक दोस्त के लिए एमएलसी टिकट के साथ-साथ मंत्री बनाए जाने की मांग सीएम येदियुरप्पा के सामने रखी है. मंत्री बनने से रह गए आठ बार के विधायक उमेश कट्टी भी अपने भाई रमेश कट्टी को राज्यसभा भेजने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने पिछले सप्ताह अपने समर्थक विधायकों के साथ एक बैठक भी की थी. बीजेपी के प्रभाकर कोरे, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी और कर्नाटक के पार्टी महासचिव प्रभारी मुरलीधर राव के नाम राज्यसभा टिकट के दावेदारों में माने जा रहे है जबकि पार्टी के खाते में दो सीटें ही आ सकती हैं.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने दावा किया है कि राज्य में बीजेपी के कुछ विधायकों ने उनसे मुलाकात की और मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की सरकार के कामकाज पर अपना असंतोष साझा जाहिर किया है. दरअसल कर्नाटक में सियासी समीकरण चौथी सीट से लिए हो रही है. कांग्रेस और जेडीएस हाथ मिलाते हैं तो दूसरी सीट आसानी से उनके खाते में आ जाएगी. ऐसे में देखना होगा कि कर्नाटक के राज्यसभा चुनाव में बाकी किसके नाम होती है.